संदेश

गीता जी का सार/The Essence Of Gita Ji

चित्र
 गीता जी का सार श्रीमद्भगवद्गीता की पटकथा लगभग 5500 वर्ष पूर्व श्री वेदव्यास जी द्वारा लिखी गई थी और श्री कृष्ण जी में प्रवेश करते हुए यह बात ब्रह्म, केशर पुरुष यानी ने कही थी। भगवान काल। इससे पहले के लेख में विस्तार से बताया गया है कि श्रीमद् भगवद् गीता का ज्ञान किसने दिया? साक्ष्यों के टुकड़ों ने यह सिद्ध कर दिया है कि भगवान काल (केशर पुरुष/ज्योति निरंजन Lord) ने महाभारत के दौरान युद्ध के मैदान में योद्धा अर्जुन को पवित्र गीता जी का ज्ञान दिया था । श्रीमद्भगवद्गीता का ज्ञान देने में श्री कृष्ण जी की कोई भूमिका  है। इसमें पूरी भूमिका काल  BHI की है। केशर पुरुष जो 21 ब्रह्मांडों के मालिक हैं। कृपया पढ़ें: क्या-भगवान-कृष्ण-वास्तव में सर्वोच्च-भगवान? उपरोक्त जानकारी के आधार पर हमें सबसे स्थायी प्रश्न के उत्तर को समझने का प्रयास करना चाहिए; सच्ची संदेश क्या है जो पवित्र श्रीमद् भागवत गीता भक्तों को प्रदान करता है? आइए जानते हैं क्या है श्रीमद्भगवद्गीता का सार? गीता अध्याय 7 श्लोक 18 में गीता के ज्ञान दाता ने अपनी उपासना बताई है, उसकी प्राप्ति कमतर है। उन्होंने इसे सस्ता इसलि...

आज का हेल्थ टिप्स: सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है लहसुन, इन गंभीर बीमारियों के खतरे को कर सकता है कm, Garlic khane ke faide.

चित्र
 लहसुन हर घर में इस्तेमाल होने वाले मसालों में से एक है। यह न सिर्फ भोजन के स्वाद को बढ़ाता है, साथ ही इसमें मौजूद औषधीय गुण शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक माने जाते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि लहसुन में कई ऐसे यौगिक पाए जाते हैं जो कई गंभीर बीमारियों से आपको सुरक्षित रख सकते हैं। इसके अलावा लहसुन की कलियों को कई तरह के विटामिन्स और खनिजों से भरपूर माना जाता है, जिसका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक लहसुन का रोजाना सेवन करने वाले लोगों में कई तरह की गंभीर बीमारियों का खतरा कम होता है। इसे पेट के लिए विशेष फायदेमंद माना जाता है। ईरान के स्कूल ऑफ़ न्यूट्रीशन एंड फ़ूड साइंसेज स्थित क्लिनिकल न्यूट्रिशन विभाग द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि लहसुन और नींबू के रस के सेवन से हाइपरलिपिडिमिया के रोगियों के लिपिड स्तर, फाइब्रिनोजेन और रक्तचाप में सुधार किया जा सकता है। आइए आगे की स्लाइडों में लहसुन से होने वाले अन्य फायदों के बारे में जानते हैं।  प्रतिरक्षा को बढ़ाने में है सहायक क्लीवलैंड क्लिनिक द्वारा 41,000 महिलाओं पर किए गए अध्ययन ...

जानिए भारत के इन प्रसिद्ध स्मारकों के बारे में, जिन्हें महिलाओं ने बनवाया है

चित्र
 पुराने जमाने में महिलाएं इतनी सशक्त नहीं थीं जितनी आज हैं। आज की महिलाएं बाहर निकल कर काम कर रही हैं और पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। जबकि पहले ऐसा नहीं था। इतिहास में भी हमने कई वीरों की गाथा सुनी या पढ़ी है, जिसमें बहुत कम शक्तिशाली वीरांगनाओं के नाम आते हैं। युद्ध स्थल पर भी पुरुष जाते थे और महिलाएं घर में ही रहती थीं।  भारत में ऐसे कई स्मारक हैं जिनका निर्माण भी राजाओं और राजकुमारों द्वारा किया गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उस जमाने की महिलाओं ने हमारे देश के कुछ प्रसिद्ध स्मारकों को बनाया है? जी हां, देश में कुछ ऐसे स्मारक हैं जहां आप घूम कर आए होंगे लेकिन आपको ये नहीं पता होगा कि इन स्मारकों को महिलाओं ने बनवाया है। इसी कड़ी में आइए जानते हैं भारत के उन प्रसिद्ध स्मारकों के बारे में, जिन्हें महिलाओं ने बनावाया है.. इतिमद-उद-दौला, आगरा आगरा के ताज महल के बारे में सबको पता होगा। इसे किसने, कब और किसके लिए बनवाया गया ये सब जानते होंगे, लेकिन आगरा में ही एक मकबरा है ''इतिमद-उद-दौला'' जिसके बारे में कम लोग ही जानते होंगे। काफी मेहनत से तैयार किया...

Astrology: मंगल का तुला राशि में प्रवेश, पांच दिसंबर तक इन सात राशियों के लिए आएगा अच्छा समय.

चित्र
 महान पराक्रमी ग्रह पृथ्वी पुत्र मंगल 22 अक्टूबर 2021 की सुबह तुला राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इस राशि पर ये 5 दिसंबर की सुबह 5 बजकर 55 मिनट तक गोचर करेंगे उसके बाद अपनी राशि वृश्चिक में प्रवेश कर जाएंगे। मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल कर्क राशि में नीचराशि के तथा मकर राशि में उच्च राशि के माने गए हैं। तुला राशि में इनके आगमन का अन्य राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं। मेष राशि राशि से सप्तम दाम्पत्य भाव में गोचर करते हुए मंगल का प्रभाव स्वास्थ्य दृष्टि से तो अनुकूल रहेगा किंतु दांपत्य जीवन में कड़वाहट आ सकती है। अपनी जिद एवं आवेश पर नियंत्रण रखते हुए कार्य करेंगे तो अधिक सफल रहेंगे। शादी विवाह से संबंधित वार्ता में थोड़ा और विलंब हो सकता है। केंद्र अथवा राज्य सरकार के विभागों में प्रतीक्षित कार्यो का निपटारा होगा। किसी भी तरहकी सरकारी नौकरीके लिए आवेदन करना चाह रहे हों तो अवसर अनुकूल रहेगा। वृषभ राशि राशि से छठे शत्रु भाव में गोचर करते हुए मंगल का प्रभाव आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। शत्रु परास्त होंगे, कोर्ट कचहरी के मामलों में भी निर्णय आपके ...

अजीबोगरीब: यहां मर्दों को करनी पड़ती है दो शादियां, मना करने पर जिंदगी गुजारनी होगी जेल

चित्र
  भारत में कोई भी पहली पत्नी को तलाक दिए बिना पुनर्विवाह नहीं कर सकता। दुनिया के हर देश में शादी को लेकर अलग-अलग कानून हैं। लेकिन दुनिया में एक ऐसा देश है जहां हर आदमी के लिए दो शादियां करना अनिवार्य है। यदि कोई पुरुष दो बार शादी करने से इंकार करता है, तो उसे अपना जीवन सलाखों के पीछे बिताना होगा। अफ्रीका महाद्वीप के देशों में विवाह को लेकर अलग-अलग कानून हैं। लेकिन दुनिया के किसी भी देश में ऐसा कोई कानून नहीं है। अफ्रीका महाद्वीप के एक देश में अजीबोगरीब कानून हैं। यहां पुरुषों के लिए दो बार शादी करना अनिवार्य है। अगर कोई व्यक्ति शादी करने से इंकार करता है तो उसे कड़ी सजा दी जाती है। इस अनोखे देश के कानून के बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। आप सोच रहे होंगे कि क्या किसी देश में ऐसा कानून हो सकता है? आइए जानते हैं अफ्रीका महाद्वीप के इस देश के बारे में। अफ्रीका महाद्वीप के इस देश में दो शादियों के लिए अनोखा कानून बनाया गया है. इस अफ्रीकी देश का नाम इरिट्रिया है। यहां पुरुषों के लिए दो बार शादी करना अनिवार्य है। अब पुरुष को चाहिए कि वह सुखी मन से या उदास मन से विवाह करे। जानिए क्या ह...

करवा चौथ में सरगी की थाली में शामिल करें ये चार चीजें, दिन भर रहेगी एनर्जी / Today's Kitchen: In Karva Chauth, include these four things in the plate of Sargi, energy will remain throughout the day

चित्र
  करवा चौथ 24 अक्टूबर 2021 को है। इस दिन पत्नियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूजा करती हैं और सुबह से ही निर्जला व्रत रखती हैं। रात में चांद देखने के बाद विवाहित महिलाएं व्रत तोड़ती हैं। दिन भर में महिलाएं कुछ भी नहीं खाती-पीती हैं। ऐसे में परंपरा के अनुसार सूर्योदय के समय विवाहित महिलाएं सरगी की थाली सजाती हैं और सरगी खाकर व्रत की शुरुआत करती हैं. पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखना तो ठीक है, लेकिन दिन भर कुछ न खाने से कमजोरी हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि सरगी की थाली में ऐसा पौष्टिक भोजन हो, जिसके बाद आपको पूरे दिन भूख न लगे और एनर्जी बनी रहे। ताकि शाम की पूजा में आप स्वस्थ रहें और आपके चेहरे पर भी निखार आए। अगर आप या परिवार में कोई और करवा चौथ का व्रत कर रहा है तो सरगी की थाली में पौष्टिक आहार जरूर रखें। सरगी में खाएं यह पौष्टिक भोजन दूध का व्यंजन करवा चौथ सरगी की थाली में दूध या दूध आधारित मिठाई शामिल करें। व्रत से पहले दूध के बर्तन जैसे सेंवई, खीर, रबड़ी या सरगी में एक गिलास दूध लें। दूध में प्रोटीन होता है जो शरीर को ऊर्जा देता है। नारियल पानी नारियल पानी शरीर के लिए फायदे...

रूस का बड़ा आरोप: अमेरिकी युद्धपोत ने हमारे जलक्षेत्र में की घुसपैठ की कोशिश, हमने पीछा कर खदेड़ा/Russia's big allegation: US warship attempts to infiltrate our waters, we chased away

चित्र
 NEWS VISTAR SE - रूस के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को आरोप लगाते हुए कहा कि हमने शुक्रवार को एक अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत को उसके जल क्षेत्र में घुसपैठ करने से रोक दिया। रूस ने कहा कि अमेरिकी नौसेना ने युद्धपोत के द्वारा जापान सागर के उसके जल क्षेत्र में घुसपैठ करने का प्रयास किया। वहीं मंत्रालय ने इस घटना के बाद कहा कि अमेरिकी नौसेना को रूसी जल क्षेत्र से वापस जाने को लेकर बार- बार चेतावनी दी गई जिसे नजरअंदाज करने के चलते रूसी युद्धपोत को अमेरिकी युद्धपोत का पीछा करना पड़ा। उन्होंने कहा कि अमेरिकी युद्धपोत ने बाद में अपना रास्ता बदल लिया और वापस लौट गया। रूस का आरोप- अमेरिका हेलीकॉप्टर लॉन्च करने की फिराक में था रूसी मंत्रालय ने आरोप लगाते हुए कहा कि अमेरिकी युद्धपोत चेतावनी के बाद भी नहीं हट रहा था क्योंकि उस समय वह अपने डेक से एक हेलीकॉप्टर लॉन्च करने की तैयारी कर रहा था। रूस ने कहा कि इस तरह की गतिविध के दौरान युद्धपोत की गति में किसी भी कीमत पर बदलाव नहीं की जा सकती। लेकिन जब हमने अपने युद्धपोत से खदेड़ा तो वे इस काम में विफल हो गए और वापस लौट गए। गौरतलब है कि चार महीने में ...

दशानन रावण का 100 वर्ष पुराना मंदिर जहां सिर्फ दशहरे के दिन होते हैं दर्शन, जानिए क्या है मान्यता UP: This is true to see even in 100 years of Dashanan's history

चित्र
  जहां पूरा देश दशहरे के दिन रावण को जलाकर खुशियां मनाता है, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो रावण के सौ साल पुराने मंदिर में विशेष पूजा करते हैं। यह पूजा केवल दशहरे के दिन ही की जाती है। दशानन कानपुर के शिवाला में शक्ति प्रहरी के रूप में विराजमान हैं।  विजयादशमी के दिन सुबह मंदिर में मूर्ति की पूजा कर पट खुल जाते हैं। शाम को आरती की जाती है। ये दरवाजे साल में केवल एक बार दशहरे के दिन ही खोले जाते हैं। मां भक्त मंडल के संयोजक केके तिवारी का कहना है कि साल 1868 में महाराज गुरु प्रसाद शुक्ल ने मंदिर का निर्माण कराया था। वह भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे  उन्होंने कैलाश मंदिर परिसर में शक्ति के प्रहरी के रूप में रावण का मंदिर बनवाया था। माना जाता है कि दशानन मंदिर में दशहरे के दिन लंकाधिराज रावण की आरती के दौरान भक्तों को नीलकंठ के दर्शन होते हैं। दशानन की मूर्ति के पास सरसों के तेल के दीपक और तरोई के फूल चढ़ाकर महिलाओं ने पुत्र और परिवार के लिए सुख, समृद्धि, ज्ञान और शक्ति की कामना की। भक्त दशानन से ज्ञान और शक्ति का वरदान मांगते हैं। अहंकारी न होने का संदेश, रावण एक महान विद्वान...

दशहरा 2021: जानिए क्या है रावण के 10 सिरों का रहस्य, किन बुराइयों का प्रतीक है ये! Dussehra 2021: Know what is the secret of 10 heads of Ravana, what evils they symbolize

चित्र
  हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस साल दशहरा पर्व 15 अक्टूबर 2021 शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और देवी दुर्गा ने नौ रात दस दिनों के बाद महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी, इसलिए इस त्योहार को सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है। झूठ। दस सिर होने के कारण रावण को दशानन भी कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रावण के दस सिर कैसे थे और वे किसका प्रतिनिधित्व करते हैं? तो आइए जानते हैं रावण के दस सिरों का रहस्य-  जब त्रिशूल धारी भगवान शिव हुए प्रसन्न  विजेता रावण भगवान शिव का परम भक्त था। एक बार उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए घोर तपस्या की। जब भगवान शिव हजारों वर्षों तक रावण की तपस्या से प्रसन्न नहीं हुए, तब निराशा में रावण ने अपना सिर भगवान शिव /ब्रह्मको अर्पित करने का फैसला किया। भगवान शिव की भक्ति में लीन रावण ने अपना सिर भोलेनाथ को अर्पित कर दिया। लेकिन फिर भी रावण नहीं मरा, बल्कि उसकी जगह एक और सिर आ गया। ऐसा करके रावण ने भगवान शिव/ ब्रह्म को 9 सिर चढ़ाए। जब रावण ने दसवीं बार भगवान शिव को अपना सिर अर्पित करना चाहा तत्पश्चात  भगव...