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गीता जी का सार/The Essence Of Gita Ji

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 गीता जी का सार श्रीमद्भगवद्गीता की पटकथा लगभग 5500 वर्ष पूर्व श्री वेदव्यास जी द्वारा लिखी गई थी और श्री कृष्ण जी में प्रवेश करते हुए यह बात ब्रह्म, केशर पुरुष यानी ने कही थी। भगवान काल। इससे पहले के लेख में विस्तार से बताया गया है कि श्रीमद् भगवद् गीता का ज्ञान किसने दिया? साक्ष्यों के टुकड़ों ने यह सिद्ध कर दिया है कि भगवान काल (केशर पुरुष/ज्योति निरंजन Lord) ने महाभारत के दौरान युद्ध के मैदान में योद्धा अर्जुन को पवित्र गीता जी का ज्ञान दिया था । श्रीमद्भगवद्गीता का ज्ञान देने में श्री कृष्ण जी की कोई भूमिका  है। इसमें पूरी भूमिका काल  BHI की है। केशर पुरुष जो 21 ब्रह्मांडों के मालिक हैं। कृपया पढ़ें: क्या-भगवान-कृष्ण-वास्तव में सर्वोच्च-भगवान? उपरोक्त जानकारी के आधार पर हमें सबसे स्थायी प्रश्न के उत्तर को समझने का प्रयास करना चाहिए; सच्ची संदेश क्या है जो पवित्र श्रीमद् भागवत गीता भक्तों को प्रदान करता है? आइए जानते हैं क्या है श्रीमद्भगवद्गीता का सार? गीता अध्याय 7 श्लोक 18 में गीता के ज्ञान दाता ने अपनी उपासना बताई है, उसकी प्राप्ति कमतर है। उन्होंने इसे सस्ता इसलि...

बिना जाने किसी के व्हाट्सएप स्टेटस को चुपके से कैसे देखें? आसान तरीका जानिए How to secretly view someone's WhatsApp status without even knowing it? know the easy way

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  बिना जाने किसी के व्हाट्सएप स्टेटस को चुपके से कैसे देखें? आसान तरीका जानिए.... व्हाट्सएप का इस्तेमाल आज पूरी दुनिया में लोग कर रहे हैं। अकेले भारत में इसके 500 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता हैं। यह यूजर्स को चैटिंग, ऑडियो या वीडियो कॉलिंग आदि की सुविधा देता है, जिसका अनुभव बेहतरीन है। लोग अपनी जरूरत के हिसाब से इन फीचर्स का इस्तेमाल करते हैं। व्हाट्सएप पर कई ऐसे फीचर हैं, जिनके बारे में ज्यादातर लोगों को पता भी नहीं है। आज हम आपको ऐसे ही एक फीचर के बारे में बताने जा रहे हैं। WhatsApp Status के बारे में तो आप जानते ही होंगे।कई लोग रोजाना अपने व्हाट्सएप पर स्टेटस लगाते हैं और कई लोग दूसरों के लगाए व्हाट्सएप स्टेटस को देखते भी हैं। हालांकि कई लोग ऐसे भी होते हैं जो किसी और का स्टेटस देखना तो चाहते हैं, लेकिन साथ ही वो ये भी नहीं चाहते कि सामने वाले को ये पता चले कि आपने उसका स्टेटस देख लिया है। ऐसे में क्या करें? आइए जानते हैं इसका उपाय क्या है? अगर आप भी किसी दोस्त का व्हाट्सएप स्टेटस चुपके से देखना चाहते हैं और उसे पता भी नहीं है कि आपने उसका स्टेटस देखा है, तो इसके लिए आपको अपनी व्ह...

How to make money from Blogging?, How to earn money online?

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 There are lots of guides about how to make money blogging, but here’s what makes this one different: 7 Ways of making money online: 1-Online Courses and Workshops 2-Books and eBook's 3-Affiliate Marketing 4-Advertising 5-Speaking Gigs 6-Consulting/Coaching 7-Selling Freelance Services 1-Online Courses and Workshops -Here at Smart Blogger, we make most of our income from online courses and workshops — over $1 million per year — but we are far from the only successful blog doing this. Most of the people making a lot of money from their blogs are doing it through online courses. 2-Books and eBook's -Quite a few writers have parlayed their blogging success into a major publishing deal. Mark Manson, for instance, published a blog post called The Subtle Art of Not Giving a F*ck in 2015. Millions of readers later, he got a book deal with Harper Collins and went on to sell over 3,000,000 copies in the US alone. Self-published books have also been successful. The most notable suc...

जब भगवान श्रीराम ने अपने प्राण से प्रिय भाई लक्ष्मण को दिया मृत्युदंड/When Lord Shriram executed his beloved brother Lakshman with his life.

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  प्रभु श्रीराम जन जन के मानस में आस्था के केन्द्र हैं। पिछले साल 5 अगस्त को रामजन्मभूमि अयोध्या में उनके भव्य मंदिर के लिए भूमि पूजन हुआ था। भगवान श्रीराम का चरित्र और उनके आदर्श का पता हमें वाल्मीकि रामायण जैसे ग्रंथों से मिलता है। हम देखते हैं कि संपूर्ण रामायण का सार मर्यादा में रहकर वचन और कर्तव्यों का पालन करना है। इसके मुख्य किरदार भी भगवान श्रीराम थे। कहते हैं कि  भगवान श्री राम  ने अपने वचन का पालन करने के लिए अपने प्राण से प्रिय भाई लक्ष्मण को मृत्युदंड का आदेश दे दिया था। कथा का इसका प्रसंग उत्तर रामायण में भी मिलता है। क्या हुआ एकबार स्वयं काल के देव यमराज मुनि का वेश धारण कर भगवान श्रीराम के दरबार पहुंचे। तब उन्होंने भगवान श्रीराम से अकेले में वार्तालाप करने का निवेदन किया। तब उन्होंने कहा कि मैं आपसे एक वचन लेना चाहता हूं कि जब तक मेरे और आपके बीच वार्तालाप चले तो हमारे बीच कोई नहीं आएगा और जो भी आएगा, उसको आपको मृत्युदंड देना होगा। भगवान राम ने यमराज को वचन दे दिया भगवान राम ने अपने अनुज भाई लक्ष्मण को यह कहते हुए द्वारपाल नियुक्त कर दिया कि जब तक उनकी और य...

कौन थी मंथरा और क्यों रहती थी वह कैकेयी के साथ जिसके कारण भगवान राम को मिला वनवास ,Who was Manthara due to which Lord Rama got exile and why did she live with Kaikeyi

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 कौन थी मंथरा  और क्यों रहती थी वह कैकेयी के साथ  जिसके कारण भगवान राम को मिला वनवास  हिंदू ग्रंथ रामायण में श्री राम के वन जाने का मुख्य कारण दासी मंथरा थी। वाल्मीकि रचित रामायण में भी मंथरा की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका बताई गई है। लेकिन यह मंथरा वास्तव मैं कोन थी  जिसने दासी होते हुए भी अयोध्या नरेश के पूरे परिवार की गाथा बदल कर रख दी थी। इतना सब होने पर भी वह राज भवन में क्यों थी और रानी कैकेयी के साथ उसके होने की क्या वजह थी। जानते हैं इस बारे में. कैकेयी अश्वपति सम्राट की पुत्री थी। कैकेयी बहुत ही सुंदर, गुणी और वीरांगना स्त्री थी। इसीलिए वह राजा दशरथ को अपनी तोनों रानियों में सबसे ज्यादा प्रिय थी रामायण में वर्णित कैकेयी का विवाह राजा दशरथ से हुआ था तो दासी मंथरा मायके से उनके साथ आयी थी। जानते हैं कि मंथरा को कैकेयी अपने साथ क्यों लाईं थी और वह कौन थी। एक कथा के अनुसार राजा अश्वपति का एक भाई था, जिसका नाम वृहदश्व था। उसकी विशाल नैनों वाली एक बेटी रेखा थी, कैकेयी और रेखा बालपन से ही बहुत की अच्छी सखी थी। वह राजकन्या होने के साथ बहुत बुद्धिमति भी ...

महाभारत के युद्ध में अर्जुन ने अपने ही बड़े भाई को मारने के लिए क्यों उठा लिए थे शस्त्र?,Why did Arjuna take up arms to kill his own elder brother in the Mahabharata war?

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दुनिया का सबसे बड़ा महाकाव्य  महाभारत के युद्ध से जुड़े ऐसे कई रहस्य हैं, जिससे आज तक लोग अनजान हैं। एक ऐसा ही रहस्य है जब महाभारत युद्ध के 17वें दिन ही अर्जुन ने अपने ही बड़े भाई युधिष्ठिर को मारने के लिए शस्त्र उठा लिए थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके प्रिय भाई अर्जुन ने ऐसा क्यों किया था?  महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित 'महाभारत' की एक कहानी के अनुसार, कुरुक्षेत्र के मैदान में युधिष्ठिर और कर्ण के बीच युद्ध हो रहा था। सभी को इस युद्ध से बेहद उम्मीदें थीं कि तभी शस्त्र विद्या में माहिर कर्ण ने युधिष्ठिर पर एक जोरदार वार किया, जिससे युधिष्ठिर बुरी तरह घायल हो गए। कर्ण चाहता तो उस समय युधिष्ठिर को मार सकता था, लेकिन माता कुंती को दिए वचन के मुताबिक उसने युधिष्ठिर को जीवित छोड़ दिया। जब नकुल और सहदेव ने अपने सबसे बड़े भाई युधिष्ठिर की बुरी हालत देखी तो वो उन्हें जल्द ही युद्ध के तंबू में ले गए, जहां उनकी मरहम-पट्टी की गई। उधर, अर्जुन और भीम अभी भी युद्ध में कौरवों की सेना से संघर्ष कर रहे थे।  धनुर्धर अर्जुन को युधिष्ठिर की हालत के बारे में पता नहीं था। युद्ध भूमि में जब उ...

काम की बात: इन चार चीजों को खरीदने पर फ्री मिलता है इंश्योरेंस, क्या आप जानते हैं? do-you-know-free-insurance-is-available-on-buying-these-things?

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 आज हम आपको बहुत जरूरी जानकारी से रूबरू कराते हैं से बहुत सारी चीजें खरीदते होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि किन-किन चीजों पर फ्री इंश्योरेंस मिलता है? लेकिन बहुत सारे लोगों को ये नहीं पता होगा। दरअसल, इंश्योरेंस आज के समय में बहुत ही जरूरी हो गया है, चाहे वो हेल्थ इंश्योरेंस हो, जीवन बीमा हो या फिर कोई और इंश्योरेंस। ये हर तरह से आपकी लोगो की मदद करते हैं। दुर्भाग्यवश आप बीमार हुए और अस्पताल में भर्ती हो गए तो उसका खर्च कौन उठाएगा? अगर आपने हेल्थ इंश्योरेंस लिया हुआ है तो उसका पूरा खर्च इंश्योरेंस कंपनी उठाएगी, आपके ऊपर अस्पताल के खर्चे का बोझ नहीं होगा। अब बात करते हैं फ्री इंश्योरेंस की। आजकल फ्री का नाम सुनते ही बहुत सारे लोग उतावले हो जाते हैं और यह जानने की कोशिश में जुट जाते हैं कि फ्री में क्या मिल रहा है, कैसे मिल रहा है? तो चलिए आइए जानते हैं किन चीजों को खरीदने पर आप भी फ्री इंश्योरेंस का लाभ उठा सकते हैं  एलपीजी गैस कनेक्शन के साथ तो ग्राहकों को पर्सनल एक्सीडेंट कवर मिलता ही है, साथ ही गैस सिलेंडर खरीदने पर भी 50 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस मिलता है। यदि गैस लीकेज य...

शारदीय नवरात्रि : माता के 9 रूपों के 9 रहस्य, आप भी नहीं जानते होंगे/Sharadiya Navratri: 9 secrets of 9 forms of mother Durga, you may not even know

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  नवरात्रि में माता दुर्गा जी के 9 स्वरूप की पू्जा होती है। इसीलिए नवरात्रि के इस त्यौहार को नवदुर्गा भी कहते हैं। आओ जानते हैं माता के इन 9 रुपों के 9 रहस्य। जो महिल या पुरुष माता के इन 9 रूपों के रहस्य को समझ लेते हैं, मानो उसका जीवन सफल हुआ समझो। 1. शैलपुत्री :  पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण पार्वती माता को शैलपुत्री भी कहा जाता है। यानी निश्‍चित ही किसी भी स्त्री का पहला परिचय उसके पिता से ही होता है। पिता के घर रहकर महिलाएं बहुत कुछ सीखती हैं। माता पार्वती नेभी बी 2  ब्रह्मचारिणी:  ब्रह्मचारिणी अर्थात जब उन्होंने तपश्चर्या द्वारा शिव को पाया था। निश्चित ही एक न एक दिन हर स्त्री को अपने बाबुल का घर छोड़कर उसे अपने पति के घर जाना ही होता है। 3. चंद्रघंटा :  जिनकेमाथे पर चंद्र केेआकार का तिलक  हैै उसका प्रतीक है कि माता अपने पति शिव जिन्होंने चंद्र धारण कर रखा है, वे भी उनके समान ही उनके जैसी हो चली है। हर पत्नि को अपने पति का इसी तरह साथ देना होता है। 4. कूष्मांडा :  ब्रह्मांड को उत्पन्न करने की शक्ति प्राप्त करने के बाद उन्हें कूष्मांडा कह...

Mahabharat : श्रीकृष्ण के हाथों मरने के बाद द्रौपदी के भाई बनकर जन्मे एकलव्य और लिया बदला

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  महाभारत  की कथा में कई अंतरकथाएं हैं और कई कथाएं जनश्रुति या मान्यता के आधार पर भी हैं। उन्हीं में से एक कथा है एकलव्य   की। सभी जानते हैं कि एकलव्य को गुरु द्रोणाचार्य   ने शिक्षा नहीं दी थी और बाद में उन्होंने दक्षिणा के रूप में एकलव्य का अंगूठा मांग लिया था। क्योंकि गुरु द्रोण नहीं चाहते थे कि अर्जुन के अलावा कोई भी श्रेष्ठ धनुर्धर हो। दूसरा यह कि उन्होंने भीष्म पितामह को वचन दिया था कि मैं कौरवपुत्रों के अलावा किसी को शिक्षा नहीं दूंगा। 1. ऐसी मान्यता है कि अंगूठा कट जाने के बाद भी एकलव्य की धनुष विद्या में कोई कमी नहीं आई थी। महाभारत काल में एकलव्य अपनी विस्तारवादी सोच के चलते जरासंध से जा मिला था। जरासंध की सेना की तरफ से उसने मथुरा पर आक्रमण करके एक बार यादव सेना का लगभग सफाया कर दिया था। 2. ऐसा भी कहा जाता है कि यादव सेना के सफाया होने के बाद यह सूचना जब श्रीकृष्‍ण के पास पहुंचती है तो वे भी एकलव्य को देखने को उत्सुक हो जाते हैं। दाहिने हाथ में महज चार अंगुलियों के सहारे धनुष बाण चलाते हुए एकलव्य को देखकर वे समझ जाते हैं कि यह पांडवों और उनकी सेना के लिए खत...

पौराणिक कथाओं के रहस्य में सवालों का झंझावात book-review-of-bhartiya-pauranik-katha

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 पौराणिक कथाओं के रहस्य में सवालों का झंझावात देवलोक इस शब्द में ही इतने रहस्य और इतना कौतुहल छुपा हुआ है. जिसका हिसाब आदि काल से कोई नहीं लगा सका.  देवलोक इस शब्द में ही इतने रहस्य और इतना कौतुहल छुपा हुआ है. जिसका हिसाब आदि काल से कोई नहीं लगा सका. इस अकेले नाम और इससे जुड़े तमाम किस्सों में तिलस्म ही तिलस्म है, जो पढ़ने, सुनने और समझने की कोशिश करने वालों को हरदम अपनी ओर खींचता है. इस कौतुहल का सबसे रोचक और दिलचस्प पहलू तो ये है कि इस रहस्य की एक भी पर्त खोलने की कोशिश करने का मतलब है, सवालों का ऐसा बवंडर पैदा करना, जिसे थामना मुश्किल ही नहीं करीब करीब नामुमकिन हो जाता है  किसी भी किस्से और कहानियों में सवालों का सिलसिला अक्सर उस मोड़ से पैदा होता हैं, जहां से उस किस्से या कहानी के नायक नायिकाओं और उनकी योग्यता का विकास शुरू होता है. क्या कभी सोचा है कि रावण के बगैर रामायण की कल्पना तक नहीं हो सकती, महाभारत की शुरूआत से बहुत पहले कंस के बगैर कृष्ण का कोई वजूद ही नजर नहीं आता और शकुनि के बिना महाभारत के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता. प्रेम के देवता कामदेव और श...