गीता जी का सार/The Essence Of Gita Ji

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 गीता जी का सार श्रीमद्भगवद्गीता की पटकथा लगभग 5500 वर्ष पूर्व श्री वेदव्यास जी द्वारा लिखी गई थी और श्री कृष्ण जी में प्रवेश करते हुए यह बात ब्रह्म, केशर पुरुष यानी ने कही थी। भगवान काल। इससे पहले के लेख में विस्तार से बताया गया है कि श्रीमद् भगवद् गीता का ज्ञान किसने दिया? साक्ष्यों के टुकड़ों ने यह सिद्ध कर दिया है कि भगवान काल (केशर पुरुष/ज्योति निरंजन Lord) ने महाभारत के दौरान युद्ध के मैदान में योद्धा अर्जुन को पवित्र गीता जी का ज्ञान दिया था । श्रीमद्भगवद्गीता का ज्ञान देने में श्री कृष्ण जी की कोई भूमिका  है। इसमें पूरी भूमिका काल  BHI की है। केशर पुरुष जो 21 ब्रह्मांडों के मालिक हैं। कृपया पढ़ें: क्या-भगवान-कृष्ण-वास्तव में सर्वोच्च-भगवान? उपरोक्त जानकारी के आधार पर हमें सबसे स्थायी प्रश्न के उत्तर को समझने का प्रयास करना चाहिए; सच्ची संदेश क्या है जो पवित्र श्रीमद् भागवत गीता भक्तों को प्रदान करता है? आइए जानते हैं क्या है श्रीमद्भगवद्गीता का सार? गीता अध्याय 7 श्लोक 18 में गीता के ज्ञान दाता ने अपनी उपासना बताई है, उसकी प्राप्ति कमतर है। उन्होंने इसे सस्ता इसलि...

अपने देश में अगस्त से शुरू होगा Sputnik V वैक्सीन का उत्पादन, सितंबर-अक्टूबर तक भारत में होंगे 85 करोड़ डोज

 नई दिल्ली, एएनआइ। भारत को जल्द कोरोना के खिलाफ एक और बड़ा हथियार मिलने वाला है। देश में इस साल अगस्त से भारत के दोस्त रूस की स्पुतनिक वी(Sputnik V) का उत्पादन शुरू हो जाएगा। रूस में भारत के राजदूत डीबी वेंकटेश वर्मा ने ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सितंबर-अक्टूबर तक भारत में स्पूतनिक वी के 85 करोड़(850 मिलियन) डोज का प्रोडक्शन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि दुनिया का 65 से 70 फीसदी तक स्पुतनिक वी(Sputnik V) का उत्पादन भारत में होगा। वहीं उन्होंने बताया कि भारत की जरूरतें पूरी होने के बाद रूस इसका एक्सपोर्ट दूसरे देशों में भी करेगा।


कोविशिल्ड, कोवैक्सीन के अलावा रूसी वेक्सीन स्पुतनिक वी(Sputnik V) कोरोना की तीसरी वैक्सीन है जिसे भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। वहीं उन्होंने कहा कि देश में कोरोना के हालात नियंत्रण में आ रहे हैं।  वहीं ब्लैक फंगस को लेकर भी भारत रूस के संपर्क में है जिससे इस बीमारी के इलाज के लिए दवाइयां मंगाई जा सके।

जून तक भारत को मिलेगी 50 लाख डोज

रूस की सॉवरन वेल्थ फंड, रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) इस वैक्सीन के लिए फंडिग करती है। खास बात ये है कि उसने भारत की 5 पांच कंपनियों  से इसके प्रोडक्शन के लिए समझौता किया है। भारत को अभी तक स्पूतनिक V की 2,10,000 डोज मिल चुकी है। वहीं मई के अंत तक 30 लाख डोज और मिलेगा जिसे भरकर इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं जून तक यह संख्या बढ़कर 50 लाख डोज हो जाएगी।

भारत में रूसी स्पुतनिक का उत्पादन 3 चरणों में किया जाएगा। सबसे पहले, रूस से आपूर्ति - पूरी तरह से निर्मित - जो पहले ही शुरू हो चुकी है। दूसरा, आरडीआईएफ थोक में वैक्सीन भारत भेजेगा। यह उपयोग के लिए तैयार होगा लेकिन इसे भारत में विभिन्न बोतलों में भरना होगा। तीसरे चरण में रूसी पक्ष भारतीय कंपनी को प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करेगा और भारतीय कंपनी इसका पूरी तरह से भारत में उत्पादन करेगी। इन तीनों को मिलाकर लगभग 85 करोड़ डोज होंगी।

साभार

हिंदुवर्ष ज्ञान

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