भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में फैजाबाद जिले से सटा शहर अयोध्या भगवान राम की पावन जन्मभूमि है, 5000 वर्षों से भी पहले संसार के आराध्य भगवान राम जी का जन्म हुआ था! बाद में मुगल शासक बाबर और औरंगजेब के समय हिदुओं पर बहुत अत्याचार किया था, हिन्दुओं को मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए बहुत तरह के अत्याचार करता था, अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि की जमीन पर बाबरी मस्जिद का निर्माण किया था तब से यह जमीन विवाद चल रहा था, इसका केस सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था तथा 17 नवम्बर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्याधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में 5 जजो की विशेष बेंच ने सर्वसम्मति से यह आदेश सुनाया था। फैसला मंदिर के पक्ष सुनाया था सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान का हक माना जबकि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड जमीन देने का आदेश दिया था अब अयोध्या में मंदिर बनने जा रहा है मंदिर का मॉडल अंतिम पेज पर चित्र देख सकते हो।
05 अगस्त को माननीय प्रधान मंत्री श्री मोदीजी , यूपी के मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ समेत तमाम श्री राम भक्त अयोध्या में एकत्रित हुए और पूरी अयोध्या में दीवाली की तरह दीपक और सजावट की गई और मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया जैसे नीचे चित्र में देख सकते हो।
में 5 अगस्त, बुधवार को भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था। इस दिन का कई वर्षों से इंतजार किया जा रहा था। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहें थे। अयोध्या भगवान राम की पावन जन्मभूमि है। आज हम आपको उस स्थान के बारे में बताएंगे जो भगवान राम ने लंका से लौटने के बाद अपने प्रिय भक्त हनुमान जी को रहने के लिए दिया था। हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त हैं। आइए जानते हैं उस स्थान के बारे में
हनुमानगढ़ी भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी का भव्य मंदिर है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह वही स्थान है जो भगवान राम ने लंका से लौटने के बाद हनुमान जी को रहने के लिए दिया था। हनुमानगढ़ी हनुमान जी के प्रमुख मंदिरों में से एक है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से हनुमागढ़ी की दूरी तकरीबन 100 किमी है। इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति बलिष्ठ और लाल रंग में विराजमन है।
भक्त सबसे पहले जाते हैं हनुमानगढ़ी
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अयोध्या आने पर सबसे पहले हनुमानगढ़ी में हनुमान जी के दर्शन करने होते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिस समय भगवान राम ने हनुमान जी को ये स्थान भेंट किया था उसी समय ये अधिकार भी दिया था कि जो भी भक्त अयोध्या आएंगे वो सबसे पहले हनुमानगढ़ी में हनुमान जी का दर्शन- पूजन करेंगे।
हनुमान जी के दर्शन के लिए 76 सीढ़िया पार करनी होती हैं। यहां पर स्थित हनुमान जी की प्रतिमा हमेशा फूल- मालाओं से सुशोभित रहती है। मंदिर की दीवारों में हनुमान चालीसा की चौपाइयां सुशोभित हैं। हनुमान जी के इस पावन स्थान में अलग ही शांति की अनुभूति होती है। भक्तजन मंदिर परिसर में बैठकर राम नाम का सुमिरन और सुंदर कांड का पाठ भी किया करते हैं।
हनुमान गढ़ी में हनुमान जी की प्रतिमा दक्षिण मुखी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां दर्शन करने और हनुमान जी को लाल चोला चढ़ाने से सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिलती है और हनुमान जी की कृपा से जीवन में समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है।
नागेश्वरनाथ मंदिर
नागेश्वरनाथ मंदिर भगवान शिव का भव्य मंदिर है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण भगवान राम के पुत्र कुश ने करवाया था। शिवरात्रि के दिन यहां पर काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
कनक भवन
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कनक भवन मां सिता को विवाह के उपरांत माता कौशल्या ने मुंह दिखाई में भेंट किया था। इस भवन को सोने का घर के नाम से भी जाना जाता है। कनक भवन में भगवान राम और माता सीता की सोने के मुकुट वाली मूर्तियां हैं। यह भवन काफी भव्य और सुंदर है।
दशरथ भवन
दशरथ भवन शहर के मध्य में स्थित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये वही स्थान है जहां भगवान राम के पिता और अयोध्या के राजा दशरथ निवास करते थे। दशरथ भवन काफी भव्य है और इसकी सजावट भी काफी सुंदर तरीके से की गई है।
मणि पर्वत
मणि पर्वत का बहुत अधिक धार्मिक और पौराणिक महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार हनुमान जी जब संजीवनी बूटी लेकर आ रहे थे तो उसका एक हिस्सा अयोध्या में गिर गया था। उस हिस्से को मणि पर्वत के नाम से जाना जाता है। मणि पर्वत से अयोध्या नगरी की खूबसूरती देखते ही बनती है।
सीता की रसोई
सीता की रसोई अयोध्या में स्थित एक मंदिर है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी स्थान पर माता सीता की रसोई थी। मंदिर के एक हिस्से में रसोई घर का एक मॅाडल है। मंदिर परिसर में चारों भाई राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न एवं उनकी पत्नियों की मूर्तियां हैं।
नए मंदिर की आधारशिला 5 अगस्त, बुधवार को भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गा। इस दिन का कई वर्षों से इंतजार किया जा रहा था। इस मंदिर का प्री मॉडल का चित्र।
इस मौके पर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहें थे और उन्होंने भूमि पूजन भी किया था
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